वो कहते थे रोने से नही बदल सकते नसीब,
इस एक बात ने उम्र भर रोने भी न दिया
हाथ पकड सके न थाम सके दामन ,
बड़े ही करीब से उठ के चला गया कोई....
तेरी तहरीरों से आती है तेरे हाथों की महक
बेवफा मुझ से तेरे ख़त जलाए नही जाते
लोग कहते है मोहब्बत मै असर होता है
कहाँ होता है,कौन से शहर मे होता है
नाहक गिला है हमसे बेजा है शिकायत भी
हम लौटकर आ जाते आवाज़ तो दी होती
हमने एक रात चिरागों से सजा रखी है
और लोगो ने शर्त हवाओं से लगा रखी है
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