मिलती है तो रोती है,
बिछडती है तो रोती है.
हकीकत में तो बस रास्ता तकती है,
ख्वाब में आकर बाहों में सोती है.
तोड़ते हैं ख्वाब उसको फिर भी ज़िन्दगी,
टूटे हुए सपनों में एहसास पिरोती है.
पतझड़ का मौसम है दिल के हर कोने में,
तो क्यों ख़ुशी आँखों के किनारे भिगोती है.
वो आता है अपनी मर्ज़ी से जाता है अपनी मर्ज़ी से,
बस इस आने और जाने के बीच साँसे उम्मीदें संजोती है.
झूठ कहती है रात हर तरफ अँधेरा है,
दिल की दुनिया में उसकी यादें रोशनी बिखेरती है.
खुद को सजा दे रही है वो मेरी मोहब्बत की,
यह उसकी वफ़ा वक़्त की बेवफाई से कहती है
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
KYA BAAT HAI HARRRY...!
Post a Comment